याद है वो दिन
मिली जिस शाम वो
नशीली सी आँखे , परियो सी मुस्कान वो
नटखट वो अदाएं थी , मेरे ही नाम जो
याद है वो दिन
मिली जिस शाम वो
फूलों सी कोमल , होंठ रंगगे गुलाब जो
पलकों का इशारा, बना मेरे लिए जाम जो
उनका वो शर्माना, मुझे देखने की चाह
और मुझी से छिप जाना
याद है वो दिन
मिली जिस शाम वो
याद है वो उनका मुझसे नज़रे मिलाना
नज़र नज़र में ही सब कह जाना
उनका वो रूठना ,मेरा उन्हें मनाना
याद है वो दिन
मिली जिस शाम वो …….
– RAVI SINGH
Superb…
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Nycccc
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nice line
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Waah….yaad h wo haseen shaam..
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Thanxxx bro..
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nice dude……..
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